कुछ खट्टा हो जाए, एक मीठी प्रेम कहानी: गुरु रंधावा
फिल्म में गुरु रंधावा एक 'सरफिरा मजनू' की भूमिका निभा रहे हैं, जबकि साईं मांजरेकर 'खूबसूरत लैला' हैं। उनकी प्रेम कहानी में उनके परिवार भी शामिल हैं।
गुरु रंधावा, जो अब गायक से अभिनेता बन गए हैं, का कहना है कि उनकी पहली फिल्म "कुछ खट्टा हो जाए" एक मीठी प्रेम कहानी है। जयपुर में फिल्म के प्रचार के दौरान उन्होंने कहा, "फिल्म का नाम भले ही कुछ खट्टा हो जाए हो, लेकिन यह एक पारिवारिक कहानी है जिसमें आपको परिवार की बॉन्डिंग, आपसी प्रेम, अपनेपन का एहसास और एक दूसरे के प्रति जिम्मेदारी के रंग देखने को मिलेंगे।"
यह फिल्म महिला सशक्तिकरण का संदेश भी देती है। गुरु रंधावा ने कहा, "यह कहानी लड़कियों की शिक्षा के महत्व को बताती है। एक लड़की शिक्षित होती है तो एक साथ दो परिवार समृद्ध होते हैं - पहला उसका वो परिवार जिसमें उसका जन्म हुआ और दूसरा जहां वो शादी होकर जाती है।"
फिल्म में गुरु रंधावा एक 'सरफिरा मजनू' की भूमिका निभा रहे हैं, जबकि साईं मांजरेकर 'खूबसूरत लैला' हैं। उनकी प्रेम कहानी में उनके परिवार भी शामिल हैं। फिल्म का निर्देशन जी अशोक द्वारा किया गया है और अमित भाटिया, राज सलूजा, सुमित भाटिया और श्रद्धा चंदवरकर इसके निर्माता हैं।
साईं मांजरेकर ने अनुपम खेर की प्रशंसा करते हुए कहा: "उनके साथ काम करके बहुत सीखने को मिला। वे अभिभावक की तरह व्यवहार करते हैं, आपकी गलतियों को सुधारते हैं और आपको सिखाते हैं कि किस संवाद को कैसे बोलना है। ऐसे अभिनेता के साथ काम कर आप समृद्ध होते हैं।"
फिल्म आगरा की पृष्ठभूमि पर आधारित है और 2024 में रिलीज होने वाली है।