मुंबई : अभिनेत्री रुचिका माहेश्वरी क्लासिकल कंटेम्परेरी डांस में राष्ट्रीय स्तर पर जीत हासिल कर चुकी है। मध्यप्रदेश के इंदौर वासी रुचिका की शिक्षा दीक्षा अपने गृहनगर में ही हुई है। यहीं से मॉडलिंग, डांस और अभिनय में इन्होंने शुरुआत की। रुचिका को मध्यप्रदेश सरकार द्वारा कई सम्मान प्राप्त हुए हैं। अपने सपनों को नई उड़ान देने के लिए रुचिका मायानगरी मुम्बई में आयी और यहाँ आकर कई ऑडिशन दिये। कई धारवाहिक और वेबसीरीज़ के लिए वह चयनित हुई। इनके टीवी शो क्राइम अलर्ट, नादानियां, अदालत, दिल दोस्ती डांस, टशन ए इश्क और वीरा आदि रहे। बॉम्बे टाइम फैशन वीक का भी वह हिस्सा रही और म्यूजिक एलबम 'आई एम हियर' में वह नज़र आई। बतौर मॉडल रुचिका कई अवॉर्ड से सम्मानित हो चुकी हैं। प्रिंट, मैगजीन और विज्ञापन फिल्म में भी रुचिका लगातार कार्य कर रही हैं। आगामी प्रोजेक्ट में इनकी एक शार्ट मूवी और वेब सीरीज प्रदर्शित होने वाली है।
रुचिका ने स्कूल और कॉलेज के दिनों से ही डांस और अभिनय में भाग लेना शुरू कर दिया था। कई प्रादेशिक म्यूजिक एलबम में उन्होंने काम भी किया। रुचिका ने अपनी पढ़ाई पूर्ण की, फिर कई जगह जॉब किया और एयर होस्टेस की ट्रेनिंग ली। फिर मुम्बई आकर ऑडिशन भी दिया और टीवी शो और वेब सीरीज में काम किया।
रुचिका की पसंदीदा डांसर और अभिनेत्री माधुरी दीक्षित और श्रीदेवी है। रुचिका अभिनय के अलावा पेंटिंग, डांसिंग, ट्रेवलिंग, गृहसज्जा, कविता और कहानी लेखन में रुचि रखती है।
रुचिका अपनी माँ को अपना आदर्श मानती हैं जब भी वह हताश होती थी उनकी माँ मजबूती से उनका साथ देती है और हौसला भी बढ़ाती थी। रुचिका का अभिनेत्री बनाना उनकी माँ का देखा हुआ सपना था जिसे वह साकार कर रही हैं।
रुचिका कहती हैं कि अभिनय जगत में आप काम करती हो तो प्रारम्भ में कैमरे के सामने काम करते समय कहीं ना कहीं आप घबराहट महसूस करते हो। ऐसे समय पर आपके सहकर्मी या सह अभिनेता जब आपका हौसला बढ़ाते हैं तो आपका कार्य अधिक उत्साह और कौशल से बढ़ जाता है। आपका निर्देशक यदि आपको अभिनय का सही रूपरेखा बताए और सहयोग करे तो आपका कार्य आसान हो जाता है। लेकिन मुख्य जिम्मेदारी आपकी है कि आप अपने कौशल को कैसे निखारते हो, क्योंकि आपका काम ही लोगों का ध्यान खींचने में समर्थ होता है। वह बताती हैं कि वह भाग्यशाली रही कि उनको सदैव एक अच्छी टीम का साथ मिला।
रुचिका माहेश्वरी बताती हैं कि एक लड़की किसी भी फील्ड में काम क्यों ना करे उसे भले और बुरे लोगों का सामना करना ही पड़ता है ऐसी स्थिति में आपका विश्वास, साहस और समझदारी ही आपकी सहायता करता है। जहाँ आपका सम्मान ना हो उस गली से दूरी ही बेहतर है। मानव की आकांक्षायें कभी समाप्त नहीं होती उसे अपने जीवन में ऊँचाइयों की आस जरूर रहती है। वह बेहतर से बेहतरीन की तलाश में रहता है मगर इस खोज में अपने अपनी जड़ों को भूलना नहीं चाहिए।