मुंबई : कॉमनवेल्थ गेम्स में हैवीवेट चैम्पियन बनकर देश का नाम रौशन करने वाले पहलवान संग्राम सिंह ने दुबई में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ अपने प्रो-रेसलिंग मैच से पहले बाबा रामदेव से एक सवाल पूछा था। संग्राम सिंह ने बाबा रामदेव ने जानना चाहा था कि उनके चिर युवा बने रहने का आख़िर राज़ क्या है. इस सीधे से सवाल का जवाब देते हुए बाबा रामदेव ने संग्राम सिंह से कहा, "सही तरह का और सही मात्रा में भोजन करें और अध्यात्म में ध्यान लगाएं। यह एक बड़ा सीधा सा फॉर्मूला है," उनका कहना था कि जब आप सही मात्रा में और सही तरह का भोजन ग्रहण करते हैं और ज़िंदगी के प्रति अपना नज़रिया सकारात्मक रखते हैं तो आपकी ज़िंदगी में सबकुछ सही होता है।
बाबा रामदेव ने आगे कहा कि हमारे जीवन में किसी भी तरह की नकारात्मकता के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए. वे कहते हैं, "संग्राम अथवा संघर्ष तो हमेशा ही रहने वाला है। बात चाहे मेरी हो, आपकी हो, प्रधानमंत्री मोदी की हो, भगवान श्री राम की या फिर सर्वप्रिय श्री कृष्ण की हो, संघर्ष हमेशा से ही हमारे जीवन का हिस्सा रहा है। हमेशा अपनी सोच को सकरात्मक रखें और उम्मीद का दामन कभी ना छोड़ें। अगर ज़िंदगी के प्रति आपका यही नज़रिया रहा तो फिर आपका बचपन हो या पचपन की उम्र हो, दोनों में किसी तरह का कोई अंतर नहीं होगा।"
बाबा रामदेव ने फलों और फलों से निकलने वाले रस से सेहत को होने वाले फ़ायदे बताते हुए उदाहरण दिया और कहा कि ज़रूरत है कि आज के युवा सनातनी योद्धा संग्राम सिंह के लिए खड़ें हों, उन्हें सपोर्ट करें और फ़िट इंडिया मूवमेंट में उनका साथ दें। सेहत से जुड़ी एक कंपनी को खड़ा करने की संग्राम सिंह की चाहत को लेकर बात करते हुए बाबा रामदेव ने कहा, "धीरज का फल मीठा होता है। कॉरपोरेट गवर्नेंस, पारदर्शिता और उत्तरदायित्व किसी भी कंपनी की कामयाबी की बुनियाद हैं।" इसी के साथ बाबा रामदेव ने यह भी कहा कि आज वो जिस मुकाम पर खड़े हैं, वहां पहुंचने के लिए उन्हें 10 साल का समय लगा था। बाबा रामदेव ने कामयाबी का मंत्र देते हुए कहा, "पहले आम लोगों को बढ़िया सेवाएं प्रदान करने के उम्दा रणनीति बनाना, फिर मध्यम वर्ग को सेवाएं प्रदान करना और फिर उच्च वर्ग को सेवाएं देने के बारे में सोचना अहम और सफलता का रास्ता साबित हो सकता है।"
संग्राम सिंह बहुत ही जल्द फ़िल्म 'उड़ान जिंदगी की' में दिखाई देने वाले हैं। ये फ़िल्म उनकी कमर्शियल सोलो फ़िल्म हैं जहाँ वो 25 साल के युवा पहलवान का रोल अदा कर रहे है। फ़िल्म व्रेस्लिंग बैकग्राउंड पर आधारित एक बाप और बेटे के बीच की भावनात्मक कहानी हैं जो आजकी युवा पीढ़ी को इंस्पायर करेगी। फ़िल्म 21 फरवरी को रिलीज होगी।